पुदीना

पुदीना
वानस्पतिक नाम
मेंथा पाइपरिटापरिवार
लामिएसिईवाणिज्यिक अंग
पत्ताविवरण
जापानी मिन्ट (मेंथा आरवेन्सिस) एक चिरस्थाई शाक है जिसके चढनेवाले प्रकन्द और छोटे घने बालोंवाले, एक दो चतुर्भुजीय शाखाओं वाला ऊर्ध्व तना होता है। पत्ते 2.5-5 से.मी. लंबे, दीर्घायत-अण्डाकार होते है। फूल उप चक्करों में लगते है न कि शिखर पर। पौधा 0.4-0.8 मीटर ऊँचाई तक बढता है। शाखाएँ स्वच्छन्द रूप से बढती है, खेती करने वर मई-जून में और दुबारा सितंबर-नवंबर में फूलते हैं। पेप्पर मिंट (मेंथा पिपेरिटा), बेरगामोट मिंट (मेंथा सिट्टा) एवं स्पीयर मिंट (मेंथा स्पिकेटा) की भी छोटे पैमाने पर ही सही वाणिज्यिक तौर पर खेती की जाती है। ये प्रजातियाँ जापानी मिंट से आकार में भिन्नता रखती है।
व्युत्पत्ति और प्रसारण
ये ऐरोमैटिक चिरस्थाई शाक प्राय: उत्तरी गोलार्ध में फैला हुआ है। भारत में यह मुख्यत: उत्तरप्रदेश, पंजाब, एवं हरियाणा राज्यों में उत्तर भारत तक सीमित है। पौधे की वृद्धि केलिए शीतोष्ण से उष्णकटिबंधी तक की जलवायु उपयुक्त है। उसकी भरपूर वृद्धि केलिए हल्की बारिश के साथ धूपवाला मौसम सहायक है। नमी से समृद्ध नितल मिट्टी जो आर्द्रता बनाए रख सकती है, पुदीना खेती केलिए उपयुक्त है।
उपयोग
मांस, मछली, सॉस, सूप, स्टयू, विनिगर, चाय, तम्बाकू और कोडियल्स आदि को स्वाद और सुगन्ध प्रदान करने में पुदीना प्रयुक्त होता है। पुदीना तेल प्राकृतिक मेंथॉल के उत्पादन में प्रयुक्त होता है और मेंथाल रहित तेल का प्रयोग माउथ वॉश, टूथ पेस्ट एवं दवाओं की तैयारी में फ्लेवर प्रदायक के रूप में होता है। उदर संबंधी गडबडियों, गठिया (संधिवात) की दवाओं में सरदर्द के मरहमों में खाँसी की दवाइयों, कश लेने की दवाइयों आदि में इसका प्रयोग होता है। इसके तेल एवं शुष्कपौध, पूतिरोधी, वातहर, प्रशीतक (तापहर) उत्तेजक एवं मूत्रवर्ध्दक हैं।
भारतीय नाम
हिन्दी - पुदीना बंगला - पुदीना गुजराती - पुदीना कश्मीरी - पुद्यानु मलयालम- पुतिना मराठी - पुदीना तमिल - पुदीना तेलुगु -पुदीना उर्दु - पुदीना
विदेशी नाम
Arabic : Eqama Chinese : Pak hom ho Dutch : Pepermunt French : Meuthe anglaise German : Pfefferminze Greek : Menta Italian : Menta peperina Spanish : Menta/ Piperita Turkish : Nane